रायसेन/मंडीदीप, नपा के चुनावी अखाड़े में पार्षद बनने खड़ी थी 46 महिलाएं, सिर्फ 16 महिलाएं की कर सकी जीत दर्ज, इनमें भाजपा की 10 और कांग्रेस की 6। - Ghatak Reporter

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Monday, August 1, 2022

रायसेन/मंडीदीप, नपा के चुनावी अखाड़े में पार्षद बनने खड़ी थी 46 महिलाएं, सिर्फ 16 महिलाएं की कर सकी जीत दर्ज, इनमें भाजपा की 10 और कांग्रेस की 6।

नपा के चुनावी अखाड़े में पार्षद बनने खड़ी थी 46 महिलाएं, सिर्फ 16 महिलाएं की कर सकी जीत दर्ज, इनमें भाजपा की 10 और कांग्रेस की 6।

  • 30 महिला और 30 पुरुष उम्मीदवारों को करना पड़ा हार का सामना।

रायसेन/मंडीदीप, नपा के चुनावी अखाड़े में पार्षद बनने खड़ी थी 46 महिलाएं, सिर्फ 16 महिलाएं की कर सकी जीत दर्ज, इनमें भाजपा की 10 और कांग्रेस की 6।

घातक रिपोर्टर नेटवर्क, रायसेन।
मंडीदीप। स्थानीय नगर पालिका के लिए बीती 13 जुलाई को चुनाव हुए 26 वार्डों वाली निकाय में पार्षद बनाने के लिए 86 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे। इनमें 46 सर्वाधिक संख्या आधी आबादी यानी महिलाओं की थी। जबकि पुरुषों की संख्या 40 थी। इन सभी ने चुनाव जीतने की पुरजोर कोशिश की लेकिन 20 जुलाई को आए परिणाम में 46 में से सिर्फ 16 मतलब 34.74 प्रतिशत महिलाएं ही पार्षद बन सकी। इनमें भाजपा की 10 और 6 कांग्रेस की हैं। बाकी 30 महिलाओं को हार का सामना करना पड़ा। इन हारने वालों में 6 भाजपा की और 9 प्रत्याशी कांग्रेस की शामिल है। इसी तरह पुरुषों के चुनाव जीतने का प्रतिशत तो और भी कम रहा। जो 40 पुरुष उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे उनमें से केवल 10 (25 प्रतिशत) ही चुनाव में विजय हो सके। इनमें कांग्रेस का एक और 9 उम्मीदवार भाजपा के हैं। बता दें कि छठवीं परिषद के लिए अध्यक्ष का पद अनारक्षित महिला वर्ग के लिए आरक्षित रखा गया है इसके अलावा 26 में से 50 प्रतिशत यानी 13 वार्ड महिलाओं के लिए रिजर्व हैं। इन 13 पदों के लिए जहां भाजपा ने 16 महिला उम्मीदवार उम्मीदवार उतारे थे तो वहीं कांग्रेस ने 15 महिलाओं को मौका दिया था। जिनमें से कांग्रेस की 6 और भाजपा की 10 महिलाएं जीते हैं। इस तरह 26 में से 16  वार्डों का प्रतिनिधित्व महिलाएं करेंगी। जिससे छठवीं परिषद में महिलाओं की हिस्सेदारी 50 से बढ़कर 61.53 फीसदी हो गई है। 

पुरुष पार्षदों का दबदबा घटा

छठवीं परिषद में जहां पुरुषों की संख्या 13 से घटकर 10 रह गई है वहीं महिलाओं की संख्या में तीन की बढ़ोतरी होने से अब उनकी संख्या 16 हो गई है। इस तरह 38.46 प्रतिशत पुरुष और 61.53 फ़ीसदी महिलाएं होंगी। परिषद की कमान भी महिला के ही हाथों में होगी जिससे परिषद में महिलाओं का दबदबा देखने को मिलेगा।

पार्षदों की संख्या एक नजर में

भाजपा 10 महिला(76.92%), 9 पुरुष (69.23%)
कॉन्ग्रेस 6 महिला(46.13%), 1 पुरुष(7.69%)

आप और निर्दलीय खाता भी नहीं खोल पाए

छठवीं परिषद में प्रवेश पाने के लिए आम आदमी पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़ा। पार्टी ने 7 उम्मीदवार उतारे लेकिन इनमें से एक भी जीत दर्ज नहीं करा सका इसी तरह 26 वार्डों में 27 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में थे। लेकिन उनमें से भी एक भी नहीं जीत सका बता दें कि यह पहला मौका होगा जब परिषद में कोई निर्दलीय उम्मीदवार जीत कर न आया हो।

नोटा बना रोड़ा

निर्वाचन आयोग द्वारा ईवीएम में विभिन्न राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्हों के साथ इनमें से कोई नहीं (नोटा) का विकल्प भी दिया जाता है। हालांकि राजनीतिक दल इसे हल्के में लेते हैं लेकिन जब मतदाता इसका उपयोग करते हैं तो यह प्रत्याशियों पर भारी पड़ जाता है। ऐसा ही कुछ वार्ड 21 की भाजपा प्रत्याशी नीतू अरविंद जैन के साथ हुआ।वे अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस की रेणु अमरेंद्र सिंह से सिर्फ 7 वोट से पराजित हो गई और यही 7 वोट नोटा पर पड़े थे। लोगों का मानना है कि यदि यही 7 बोट श्रीमती नीतू अरविंद जैन को मिल जाते तो वे भी पार्षद निर्वाचित हो जाती है, लेकिन नोटा ने श्रीमती नीतू अरविंद जैन को पार्षद बनने से रोक दिया।

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