पांच नदियों के पवित्र संगम पंचनद धाम को तीर्थ स्थल और पर्यटन हब का दर्जा दिलाने को लेकर केंद्रीय मंत्री को सौपा मांग पत्र। - Ghatak Reporter

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Thursday, December 21, 2023

पांच नदियों के पवित्र संगम पंचनद धाम को तीर्थ स्थल और पर्यटन हब का दर्जा दिलाने को लेकर केंद्रीय मंत्री को सौपा मांग पत्र।

पांच नदियों के पवित्र संगम पंचनद धाम को तीर्थ स्थल और पर्यटन हब का दर्जा दिलाने को लेकर केंद्रीय मंत्री को सौपा मांग पत्र।

  • पंचनद पर्यटन एवं प्रवास ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष की केंद्रीय पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री से महत्वपूर्ण मुलाकात, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र।

पांच नदियों के पवित्र संगम पंचनद धाम को तीर्थ स्थल और पर्यटन हब का दर्जा दिलाने को लेकर केंद्रीय मंत्री को सौपा मांग पत्र।

घातक रिपोर्टर, शिवेंद्र सिंह सेंगर, उत्तर प्रदेश।
औरैया। अजीतमल प्रदेश के ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश के और यहां तक कि संपूर्ण विश्व में एकमात्र पवित्र पांच नदियों यमुना, चंबल, सिंध, पहूज और कुंवारी के पवित्र महासंगम पंचनद धाम जो आज तक तीर्थ और पर्यटन स्थल बनने के लिए अभी तक मोहताज था। लेकिन अब इसका रास्ता अब साफ होता दिखाई दे रहा है। क्योंकि इसके लिए पंचनद पर्यटन एवं प्रवास ट्रस्ट के संस्थापक/राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने केंद्रीय पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री से मुलाकात कर इसका रास्ता और प्रशस्ति कर दिया है। बताते चलें की संपूर्ण विश्व में इकलौते पवित्र पांच नदियों यमुना, चंबल, सिंध, पहूज और कुंवारी के मिलन से बनने वाले पवित्र महासंगम पंचनद धाम जहां अति प्राचीन, पौराणिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल और यहां स्थित अति प्राचीन धार्मिक और पौराणिक महत्व के धार्मिक स्थल महाकालेश्वर मंदिर जहां महाभारत काल में पांडवों के अज्ञातवास के समय भीम द्वारा महाकाल की स्थापना वहीं बाबा साहब मंदिर जहां तुलसीदास जी का पदार्पण हुआ तथा वहां कुछ समय रुक कर उन्होंने रामायण के अंश लिखे और मंदिर के तत्कालीन महंत श्री मंजू वन को दाहिनावर्ती शंख प्रदान किया तथा पास में स्थित सेंगर राजघराने के किले जगम्मनपुर का देहरी रोपण कर वहां के तत्कालीन राजा को दाहिनावर्ती शंख, शालिग्राम तथा एक मुखी रुद्राक्ष भेंट किए और यहीं दानी राजा कर्ण की कर्मस्थली कर्णखेरा जहां पर मां कर्णावती मंदिर जिनका इतिहास मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल के बराबर स्थित हरसिद्धि माता मंदिर से मिलता है। जिसका इतिहास उज्जैन के तत्कालीन राजा वीर विक्रमादित्य और दानी राजा कर्ण से संबंधित है। ऐसा अलौकिक स्थल आज भी संपूर्ण देश में अपना एक अलग महत्व रखता है, जहां पर कार्तिक पूर्णमासी पर महास्नान पर्व और पौराणिक मेले का आयोजन होता है। और तो और इस पंचनद धाम का वर्णन कई पुराणों के साथ-साथ ब्रह्म पुराण में भी मिलता हो ऐसे पवित्र धाम को आज तक तीर्थ एवं पर्यटन स्थल सरकार द्वारा घोषित किए जाने पर क्षेत्र की जनता में काफी उत्साह था और इसे अति शीघ्र पर्यटन एवं तीर्थ स्थल सरकार द्वारा घोषित होने की आस लगाए हुई थी।

पांच नदियों के पवित्र संगम पंचनद धाम को तीर्थ स्थल और पर्यटन हब का दर्जा दिलाने को लेकर केंद्रीय मंत्री को सौपा मांग पत्र।

लेकिन काफी प्रयासों के बाद भी आज तक यह स्थान अपनी बेबसी और तत्कालीन सरकारों की उपेक्षा का शिकार बना रहा, जबकि विगत विधानसभा चुनाव में सम्मानित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने इस पर अति शीघ्र अमल करने के लिए भी कहा था लेकिन आज इसका समय और मार्ग बहुत ही प्रशस्त हो गया है। बताते चलें कि इसी के परिपेक्ष में आज अपने ट्रस्ट के शिष्टमंडल के साथ केंद्रीय पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री मननीय अजय भट्ट जी से मुलाकात कर अपना मांग पत्र इस स्थान की महत्वता के प्रमाण सहित प्रदान किया।जिसका संज्ञान लेते हुए माननीय मंत्री जी ने उत्तर प्रदेश के सम्माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को फैक्स द्वारा संलग्न पत्र के साथ इस क्षेत्र को अतिशीघ्र ध्यान आकर्षण कर पर्यटन एवं तीर्थ स्थल घोषित करने के लिए पत्र लिखा है शिष्टमंडल में उनके साथ ट्रस्ट के उपाध्यक्ष फिल्म डायरेक्टर एस एस राजा उपस्थित रहे।

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