हमीदिया अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी नहीं हुई थी हेराफेरी, स्टोर रूम में रखा मिला स्टॉक। - Ghatak Reporter

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Wednesday, April 21, 2021

हमीदिया अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी नहीं हुई थी हेराफेरी, स्टोर रूम में रखा मिला स्टॉक।

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हमीदिया अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी नहीं हुई थी हेराफेरी, स्टोर रूम में रखा मिला स्टॉक।

हमीदिया अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी नहीं हुई थी हेराफेरी, स्टोर रूम में रखा मिला स्टॉक।
सांकेतिक छाया चित्र

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे, भोपाल।
भोपाल। मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी होने की बात झूठ निकली है। अब तक की जांच में पता चला है कि इंजेक्शन चोरी नहीं हुए थे, बल्कि उनकी हेराफेरी की गई थी। इसे छुपाने के लिए चोरी की झूठी कहानी गढ़ी गई थी, क्राइम ब्रांच के इन्वेस्टीगेशन में कई इंजेक्शन अस्पताल के स्टोर रूम में ही रखे मिले हैं। जो इंजेक्शन नहीं मिले हैं उनकी तलाश की जा रही है, हमीदिया अस्पताल से 850 से ज़्यादा रेमडेसिविर के इंजेक्शन चोरी होने की खबर से हड़कंप मचा हुआ है। अब पता चला है कि दरअसल इंजेक्शन तो चोरी हुए ही नहीं हैं, इंजेक्शन की हेराफेरी चल रही थी। इन्हें या तो किसी वीवीआईपी तक पहुंचाने की तैयारी थी या फिर खुले बाज़ार में मनमाफिक दाम पर बेचा जाना था, उसी को छुपाने के लिए इंजेक्शन चोरी जाने की कहानी गढ़ी गई थी।

450 इंजेक्शन स्टोर रूम में मिले

इस पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच पुलिस कर रही है। हमीदिया अस्पताल के स्टोर रूम से चोरी हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में यह साफ हुआ है कि इंजेक्शन की हेराफेरी हमीदिया में चल रही थी, उसी को छुपाने के लिए चोरी की कहानी को गढ़ा गया था। इतना ही नहीं करीब 450 इंजेक्शन हमीदिया के स्टोर रूम में ही रखे मिले।

70 प्रतिशत स्टॉक का मिलान

गोपाल धाकड़, एडिशनल एसपी, क्राइम ब्रांच ने बताया कि जांच में रेमडेसिविर इंजेक्शन के 70 प्रतिशत स्टॉक का मिलान हो चुका है, ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि जब इंजेक्शन स्टोर रूम में ही मिल रहे हैं तो चोरी क्या हुआ है। दरअसल, इंजेक्शन के लाने और ले जाने का कोई रिकॉर्ड अस्पताल के स्टोर रूम में नहीं मिला है, इसी वजह से चोरी की शिकायत में मनगढ़ंत आंकड़ों के साथ FIR दर्ज करवा दी गई, अभी जो इंजेक्शन नहीं मिले हैं उनको लेकर क्राइम ब्रांच पूछताछ कर रही है। इस मामले में रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग की बात भी सामने आ रही है। इस मामले में अभी कई लोगों से पूछताछ की जानी है, इस बात का भी अनुमान लगाया जा रहा है कि जो इंजेक्शन गायब हैं उन्हें ब्लैक मार्केटिंग के जरिए बेचा गया है या फिर रसूखदारों की सिफारिशों पर वह इंजेक्शन बांट दिए गए हैं। इस मामले में स्टोर रूम के संचालक और हमीदिया अस्पताल के अधिकारियों से अब तक पूछताछ हो चुकी है। हालांकि, चौंका देने वाले इस मामले में अभी और भी कई खुलासे होने बाकी हैं, इसे लेकर पुलिस जांच जुटी हुई है, फिलहाल कई सवाल जिनका जवाब मिलना अभी बाकी हैं।

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