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Thursday, September 16, 2021

स्व-सहायता समूह से जुड़ी प्रत्येक महिला की आय प्रतिमाह 10 हजार रू. बढ़े - मुख्यमंत्री चौहान।

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स्व-सहायता समूह से जुड़ी प्रत्येक महिला की आय प्रतिमाह 10 हजार रू. बढ़े - मुख्यमंत्री चौहान।

  • राशन दुकानों का संचालन अब महिला स्व-सहायता समूहों को।
  • 2550 करोड़ रूपये का बैंक ऋण समूहों को उपलब्ध कराने का लक्ष्य।
  • श्रेष्ठ काम करने वाले समूहों को एक करोड़ रूपए का पुरस्कार।
  • आजीविका मिशन 'सौ फीसदी शुद्ध' के आधार पर करें उत्पादों की ब्रांडिंग।

स्व-सहायता समूह से जुड़ी प्रत्येक महिला की आय प्रतिमाह 10 हजार रू. बढ़े - मुख्यमंत्री चौहान।

घातक रिपोर्टर, राकेश दुबे।
मध्य प्रदेश में स्व सहायता समूह की महिलाएं अब राशन दुकान भी चलाएंगी। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला स्व सहायता समूह उन्मुखीकरण एवं संवाद कार्यक्रम में की। मुख्यमंत्री निवास में हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, मंत्री रामखेलावन पटेल कार्यक्रम में मौजूद थे। कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों से स्व सहायता समूह वर्चुअल जुड़े थे।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व सहायता समूह की महिलाओं के संघर्ष की कहानी हिम्मत हौसले से भर्ती हैं। मध्यप्रदेश में हर कार्यक्रम बेटियों की पूजा से शुरू होता है। बहनों की ज़िंदगी बदलने में कैसे सहयोग कर सकूं कैसे नारी, महिला सशक्त हो, इसके लिए आपका भाई काम कर रहा है। समाज में कुछ नरपिशाच ज़िंदा है जो गलत नज़रों से देखते हैं, और गलत काम करते हैं। मध्यप्रदेश पहला राज्य जहां कानून बना, अगर किसी ने गलत काम किया तो सीधा फांसी के फंदे पर चढ़ाया जाएगा बाद में पूरे देश में बना।

स्व-सहायता समूह से जुड़ी प्रत्येक महिला की आय प्रतिमाह 10 हजार रू. बढ़े - मुख्यमंत्री चौहान।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बहनों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण ज़रूरी है। अपने पैरों में बहनों को खड़ा करना है। आर्थिक सशक्तिकरण जिससे आजीविका चले, सामाजिक सशक्तिकरण जिससे घर परिवार में इज़्ज़त हो। राजनीतिक सशक्तिकरण जिससे बहनें बड़े पदों पर पहुंचे। 50 प्रतिशत रिज़र्वेशन बहनों को दिया। कई बहनें सरपंच, मेयर, विधायक बनीं। जितनी भंजिया मेरी हैं दुनिया में किसी की नहीं।लाडली योजना जिससे स्कूल जाएं, हर एग्जाम में टॉप कर रहीं है बेटियां, भारत को बेटों से ज़्यादा बेटियों ने मेडल दिलाएं हैं, लगातार बेटियां धूम मचा रहीं हैं। आजीविका मिशन बहनों के सशक्तिकरण के लिए सबसे बड़ा उदाहरण बना है। इस काम को और तेज़ी से आगे बढ़ाना है। 37 लाख बहनें जुड़ीं हैं, 3 लाख समूह है, जो बहनें रह गई हैं उनको भी इस अभियान से जोड़ना है।

चौहान ने कहा कि मैं कोरोना में मुख्यमंत्री बना परेशान था, दवा नहीं थी कोई, मास्क की ज़रूरत पड़ी। मास्क कहां से लाएं, बाजार में नहीं थे। लेकिन स्व सहायता समूह की बहनों ने मास्क, पीपीईकिट, साबुन बनाने का काम किया। इस वर्ष 2550 करोड़ रु इस वर्ष दिए जाएंगे स्वसहायता समूहों को मजबूत बनाने के लिए। इन समूहों को केवल 4 फिसदी ब्याज देना होगा, बाकी सरकार देगी। प्रदेश में स्व सहायता समूह और आजीविका मिशन से बड़ा कोई ब्रांड नहीं हो सकता। इस दौरान सीएम शिवराज ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि राशन की दुकानें भी स्व सहायता समूह की महिलाएं चलाएंगी।

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