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Wednesday, December 22, 2021

जानें कहाँ तहसीलदार ने दिए फर्जी पत्रकार/यूट्यूबरों ब्लैकमेलिंग करने वालों की सूचना संबंधित थानों व अपने कार्यालय में सूचना देने के आदेश जारी; देखे विडियो।

फर्जी पत्रकार, युटूबर व ब्लैकमेलरों के विरुद्ध तहसीलदार द्वारा पुलिस से शिकायत करने के सभी विभागों को आदेश जारी।

  • घातक रिपोर्टर की एक साल से जारी मुहिम का हो रहा असर।
  • तहलका, आईबीएन यूटूबर अजय आहूजा उर्फ अजय मूलचंदानी उर्फ अजय कुमार ब्लैकमेलिंग के मामले में फरार।
  • पुलिस अधीक्षक शिवपुरी द्वारा ब्लैकमेलर अजय आहूजा पर 2 हजार का इनाम घोषित।

जानें कहाँ तहसीलदार ने दिए फर्जी पत्रकार/यूट्यूबरों ब्लैकमेलिंग करने वालों की सूचना संबंधित थानों व अपने कार्यालय में सूचना देने के आदेश जारी; देखे विडियो।

घातक रिपोर्टर, अरविंद सिंह जादौन, भोपाल।
9329393447
सतना। पिछले एक वर्ष से जारी घातक रिपोर्टर की मुहिम आखिर परवान चढ़ने लगी है। घातक रिपोर्टर ने पिछले एक वर्ष पहले 'फर्जी पत्रकार, ब्लैकमेलर और दलालों की पोल खोल की मुहिम' का आव्हान किया था, चाहे इसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पडे। वहीं इसकी बडी कीमत चुकाकर मुहिम को निरंतर जारी रखा। हालांकि घातक रिपोर्टर को इस एक वर्ष के दौरान अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ा। यहां तक की घातक रिपोर्टर संपादक के ऊपर झूठे प्रकरण पंजीबद्ध कराने से लेकर परिवार पर जानलेवा हमला, कार की दुर्घटना करवा कर हत्या कराने के प्रयास से लेकर हत्या के कई प्रयास होते रहे हैं। यहां तक कि हत्या के प्रयास मैं असफल होने पर 27-28 नवंबर की दरम्यानी रात के वक़्त संपादक की कार को ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी गई तक की कीमत भी चुकानी पड़ी है।

जानें कहाँ तहसीलदार ने दिए फर्जी पत्रकार/यूट्यूबरों ब्लैकमेलिंग करने वालों की सूचना संबंधित थानों व अपने कार्यालय मै सूचना देने के आदेश जारी।
दिनांक 10 नवंबर 2020 का घातक रिपोर्टर का प्रकाशित लेख

आने लगे सकारात्मक परिणाम

घातक रिपोर्टर की एक साल की मुहिम चलने से प्रदेश में सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं। जहां भोपाल, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, शिवपुरी मैं ब्लैकमेलरों के विरुद्ध मामले पंजीबद्ध किये है। वहीं शोशल मीडिया से प्राप्त एक आदेश की प्रति के अनुसार अब सतना में भी प्रशासनिक अधिकारियों ने इसको संज्ञान में लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। सतना के अमरपाटन के तैसीलदार ने सभी विभागों को आदेश जारी कर कहा है कि फर्जी पत्रकार, ब्लैकमेलर, यूटूबरों के विरुद्ध पुलिस थानों मैं शिकायत दर्ज कराएं, साथ-साथ इस कार्यालय को भी अवगत कराना सुनिश्चित करें।

जानें कहाँ तहसीलदार ने दिए फर्जी पत्रकार/यूट्यूबरों ब्लैकमेलिंग करने वालों की सूचना संबंधित थानों व अपने कार्यालय मै सूचना देने के आदेश जारी।

आदेश में स्पष्ट है कि कतिपय असामाजिक तत्वों के संबंध में शिकायतें प्राप्त हो रही हैं वे फर्जी पत्रकार, युटयुबर बनकर शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों को ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठने का कार्य कर रहे हैं। इस संबंध में समस्त विभाग प्रमुखों को सूचित किया जाता है कि आपके कार्यालय में या अधीनस्थ कर्मचारियों से कोई फर्जी पत्रकार/यूट्यूबर ब्लैकमेलिंग करने की कोशिश करता है तो तत्काल इसकी सूचना संबंधित थाना प्रभारी के साथ-साथ इस कार्यालय को भी अवगत कराएं, यह एक प्रशासनिक अधिकारियों का साहसिक निर्णय है। घातक रिपोर्टर ऐसे निर्णय लेने वाले साहसिक अधिकारियों की करता है सराहना।

शिवपुरी पुलिस अधीक्षक द्वारा ब्लैकमेलर अजय आहूजा पर 2 हजार रु का इनाम घोषित

बीते दिनों एक निजी अस्पताल को कथित भ्रूण हत्या के मामले में ब्लैकमेलिंग कर रहे कुछ असामाजिक तत्वों का ब्लैकमेलिंग का मामला सामने आने के बाद जांच में कुछ कथित पत्रकारों के नाम बढ़ाए गए थे, जिसमें करीब 5 पत्रकार अभी जेल की हवा खा रहे हैं। वहीं इनका एक मास्टरमइंड कथित ब्लैकमेलर पत्रकार अजय आहूजा उर्फ अजय मूलचंदानी और अजय कुमार अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर है। पुलिस अधीक्षक शिवपुरी के द्वारा इस मोस्ट वांटेड अपराधी पर 2 हजार रु का इनाम भी घोषित किया गया है। हालांकि, यह इतना शातिर ब्लैकमेलर और अपराधी है की जब भी कोई पोल खोलने को तैयार होता है तो उसको भी झूठे मामलों में फंसाकर परेशान करने से बाज नहीं आता। हालाकी ये किन्ही पुराने वीडियोस को भी टेम्पर्ड (छेड़छाड़) कर अपने तरीके से प्रस्तुत करने का मास्टरमाइंड है। शिवपुरी के एक निजी अस्पताल का वीडियो भी इसके साथियों के द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जारी किया गया था।


सूत्र बताते हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जारी करने से पहले महीनों तक उस वीडियो को लेकर निजी अस्पताल प्रबंधक को ब्लैकमेल करने का प्रयास किया गया। सोशल मीडिया पर उक्त वीडियो आने के करीब 11 दिन पहले ही पुलिस कोतवाली शिवपुरी को ब्लैक मेलिंग के संबंध में आवेदन देकर ब्लैकमेलरों के ऊपर कार्यवाही की मांग की थी। हालांकि, पुलिस की सुस्ती के कारण ब्लैकमेलर अपने मंसूबों में कुछ हद तक कामयाब हुए। हालांकि, उक्त वीडियो की पुष्टि किसी फॉरेंसिक लैब से करानी चाहिए थी, मगर बिना किसी पुष्टि के बावजूद इसके पहले ही अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध भी प्रकरण पंजीबद्ध कर दिया गया। यहां पर कई सवाल खड़े होते हैं, जब कथित पत्रकार हैं तो उन ब्लैकमेलर ने अपने रजिस्टर्ड न्यूज, पब्लिश संस्थान या अपने कथित न्यूज प्लेटफार्म पर उस वीडियो को जारी क्यों नहीं किया और महीनों तक वीडियो को दबाकर क्यों रखा गया। सोशल मीडिया पर भी वीडियो जारी होने के करीब 11 दिन पहले अस्पताल प्रबंधन के द्वारा शिवपुरी कोतवाली को आवेदन देकर मामले में संज्ञान लेने के लिए मांग की गई थी।

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